सेहत बनाने के लिए देसी आयुर्वेदिक नुस्खे
दुबलापन, कृशकाय-
(Leanness)
आज की व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना भी वक्त नहीं है, कि वह अपने स्वास्थ्य व शरीर की देखरेख कर सकें। उनके पास अपने लिए ही समय नहीं है। आज के दौर में बहुत कम ही मात्रा में लोग अपनी फिटनेस पर ध्यान दे पाते हैं, जिस कारण जहां भी नजर दौड़ाओ तो कोई मोटापे से परेशान दिखाई देेगा, तो कोई बहुत ही ज्यादा दुबला-पतला दिखाई देगा। 100 में लगभग 30-40 प्रतिशत ही संख्या होगी एकदम फिट, तंदुरूस्त और स्वस्थ लोगों की।
जिस तरह मोटापा एक अभिशाप है, उसी प्रकार दुबलापन भी जिंदगी को नासूर बना देता है।
आज हम इस हिंदी लेख में बात करने वाले हैं दुबलेपन की और दुबलेपन को दूर करके वजन बढ़ाने के उपायों के बारें में…
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दुबलापन यानी बहुत ही ज्यादा पतला, कमजोर या फिर मरियल व्यक्ति कह लो, कहीं भी चला जाये, अपने दुबले शरीर के कारण वह हंसी का पात्र ही बनकर रह जाता है। क्योंकि दुबला व्यक्ति कितने की मंहगे और स्टाइलिश कपड़े क्यों न पहन ले, उस पर वो वस्त्र अच्छे लगते ही नहीं हैं। ऐसा लगता है मानों किसी ने पतली सूखी रस्सी पर कपड़े सुखाने के लिए डाल दिये हों। ऐसे लोगों का कहना होता है कि हम खाते बहुत हैं, अच्छा, महंगा और पौष्टिक आहार लेने के बावजूद भी वजन नहीं बढ़ रहा है।
तो ऐसे लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि मोटा होना या फिर वजन बढ़ना इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप कितना अच्छा और पौष्टिक आहार ले रहे हैं। वजन तो इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी पाचन शक्ति कैसी है और जो मशीन सिस्टम आपके खाने को पचाकर शरीर पर लगाने का काम करत है, जिसे मेटाबोलिज्म कहते हैं वो कितना दुरूस्त है।
अगर हमारा पाचनतंत्र और मेटाबोलिज्म स्वस्थ होगा, तो हम सादी दाल रोटी खाकर भी मोटे व तंदुरूस्त हो जायेंगे, क्योंकि वो हमारे शरीर को लगेगा। जब पाचनतंत्र ही सही नहीं होगा और मेटाबोलिज्म भी गड़बड़ाया होगा, तो हम चाहें रोग मांस व अंडों का सेवन ही क्यों न करते रहें, वो हमारे शरीर को लगेगा ही नहीं। इसलिए सबसे पहले अपनी पाचनशक्ति को सही करें, खाने को अच्छे से चबा कर खायें।
वजन बढ़ाने के लिए देसी प्राकृतिक उपाय-
1. बादाम, फिन्दक, नारियल की गिरी, तिल सफेद(छिलका रहित) प्रत्येक 60 ग्राम, कैसला 30 ग्राम, सबके कुल वजन के बराबर शक्कर डालकर अच्छी प्रकार मिला लें। 60 ग्राम दूध या जल के साथ दुबले व्यक्ति को दें। जल्दी अंतर नजर आयेगा।
2. मूसली व असगन्ध नागौरी छाया में सुखाकर कूटपीस लें। कुल वजन के बराबर शक्कर मिलाकर नित्य 25 ग्राम गाय के दूध के साथ लेते रहने से दुबला-पतला व्यक्ति भी सुंदर आकर्षक और बलवान हो जाता है।
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3. अण्डे को आधा उबाल कर उसकी जर्दी निकाल लें। इस जर्दी में सोंठ 1 ग्राम बारीक पिसी हुई मिलाकर प्रतिदिन 1 अण्डा खायें। शरीर ताकतवर और वजनदार हो जायेगा।
4. खजूर को बादाम की गिरी के साथ खाने से भी शरीर मोटा हो जाता है।
5. गुलमेंहदी के नरम पत्ते और उसके फूल माँस में पकाकर खाने से भी शरीर मोटा और शक्तिशाली हो जाता है।
6. आमाशय और आँतों के रोगों से पीड़ित रोगी को जिसकी पाचनशक्ति कमजोर हो चुकी हो और कुछ भी नहीं पच रहा हो, तो 2 से 8 पिपली पीसकर घी के साथ नित्य खिलायें, लाभ होगा।
7. गिरी बादाम, निशास्ता, कतीरा, चीनी समभाग चूर्ण बना लें। 10-10 ग्राम खिलाकर गाय का दूध पिला दें। पके हुए केले का प्रयोग भी लाभदायक है। दुबलापन दूर करने, हृष्ट-पुष्ट और मोटा होने के लिए चीकू एवं ताजी सब्जियाँ तथा फली भी उपयोगी है।
8. दिन के भोजन के बाद 2-3 पके केले नियमित रूप से खाने से शरीर में माँस एवं चर्बी की वृद्धि होती है। शरीर सुंदर हो जाता है। कम से कम 2 मास तक लगातार सेवन करें। यह योग सबके लिए अनुकूल है।
Sehat Banane Ke Liye desi Ayurvedic Nuskhe
9. दूध और केला यदि नाश्ते में व्यायाम के बाद या खाली पेट दो पके केले खाकर एक गिलास गर्म दूध पी लिया जाये तो वजन बहुत जल्दी बढ़ता है। यह उत्तम पित्ताशामक भी है।
सावधान- बिगड़ी हुई पाचनशक्ति वाले या जिन्हें कब्ज़ रहती हो, वह इस योग का इस्तेमाल न करें।
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10. सेब एवं गाजर छिलका सहित बढ़िया समान मात्रा में लेकर अलग-अलग कद्दूकस कर लें। इन लच्छों को दोपहर के बाद 200 ग्राम खायें। यदि आपका वजन गिर रहा है, तो इससे आशातीत लाभ होगा। यह माँसवर्धक एवं शक्तिवर्धक उत्तम योग है।
11. चना- यह विशेषकर किशारों, जवानों तथा शारीरिक श्रम करने वालों के लिए पौष्टिक नाश्ता है। देसी काले चने बढ़िया 25 ग्राम अच्छी प्रकार साफ कर लें। शाम के समय 125 मि.ली. जल में भिगो दें। अगली सुबह नित्यक्रिया(शौचादि) से निवृत होने के बाद एवं व्यायाम आदि करने के बाद अच्छी प्रकार चबाकर खाकर ऊपर से चने का पानी पी लें। यदि चाहें तो इस पानी में पीने से पहले थोड़ा शहद(5 से 10 मि.ली.) मिला लें। यह योग साधारण है किन्तु स्फूर्ति और शक्तिदायक है।
नोट- 1. चने की मात्रा क्रमशः 25 से 50 ग्राम तक बढ़ायी जा सकती है।
2. नित्य व्यायाम करने वालों को भिगोये चने पानी सहित या ऊपर से दूध के योग से नित्य रात को खाने से स्वास्थ्य एवं कार्यक्षमता की प्राप्ति होती है। कहावत है, ‘खाये चना, रहे बना।‘
3. जिनकी पाचनशक्ति कमजोर हो, उन्हें चनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
12. अंकुरित चना और स्वास्थ्य- अंकुरित चने स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभदायक हैं। यह धातु पौष्टिक, माँसपेशियों को सुदृढ़ व शरीर को शक्तिशाली बनाते हैं। यह लगभग 80 प्रतिशत चर्म रोगों से मुक्ति दिलाने में सक्षम है। इनमें विटामिन ‘सी’ भरपूर मात्रा में होती है। परिणामतः इसे खाने से वजन बढ़ता और स्फूति और ऊर्जा बनी रहती है।