दुबलापन दूर करें अपनायें ये देसी नुस्खें
दुबलापन, कृशता, शरीर का दुबला होना-
‘मोटापे’ की भांति ‘दुबलापन’ भी एक अभिशाप है। शरीर की लम्बाई के अनुपात से वज़न कम होना शरीर में मांसपेशियों के ह्नास(कमी) को दर्शाता है। रोगी की पसलियों को स्पष्ट रूप से गिना जा सकता है। नितम्ब एवं गले की त्वचा में झुर्रियां स्पष्ट प्रतीत होती हैं। यहां तक कि ऐसे रोगी उपहास के पात्र हो जाते हैं। फिर रोगी ग्लानि का भी अनुभव करने लगते हैं।
मुख्य कारण-
1. वायु विकार से ग्रस्त रहना।
2. भोजन में पौष्टिक तत्वों का अभाव।
3. खाना जानबूझ कर(भूख होने पर भी) कम खाना।
4. वमन-विरेचन को अधिक अपनाना।
5. मल-मूत्रादि वेगों को रोकना।
6. आवश्यकतानुसार नींद भर न सोना(आवश्यकता से कम सोना)।
आप यह आर्टिकल weightgain.co.in पर पढ़ रहे हैं..
7. सदा किसी न किसी रोग का शिकार होना।
8. असंयमित मैथुन करना।
9. शारीरिक क्षमता से अधिक कसरत(व्यायाम) करना।
10. किसी प्रकार के मानसिक तनाव, चिन्ता या भय का शिकार होना मुख्य कारण हैं।
वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा-
1. आहार में पौष्टिक तत्वों को स्थान दें और क्षुधावर्धक औषधियां दें।
2. यकृत(Liver) को स्वस्थ और मजबूत रखने वाले चीजों का सेवन करें।
Dublapan Door Karen Apnayen Ye Desi Nuskhe
3. लौहयुक्त औषधि(रक्तवर्धक) को नियमित दें।
4. संभोग क्षमता, इच्छा बढ़ाने वाली(बाजीकरण) औषधियां दें।
5. असगन्ध नागौरी का चूर्ण आयु अनुसार 1-3 ग्राम घृत और चीनी के साथ अथवा मिश्री मिले दूध के साथ प्रतिदिन दें। इसके नियमित सेवन से शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
6. रोटी को दूध में भिगो कर खाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
7. मीठे बादामों की गिरी, निशास्ता, कतीरा और इन्हें समान मात्रा में कूट-छान लें। प्रतिदिन मात्रा 10-15 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ दें। इससे शरीर हृष्ट-पुष्ट(मोटा) हो जाता है।
सेहत से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें..http://sehatprash.com/