Durbalta Bhagayen Vajan Badhayen
दुर्बलता(परिचय)-
शरीर का सुडौल होना चर्बी या मेद(Fat) पर निर्भर करता है। शरीर में इसका जितना अभाव होता है, शरीर उतना ही अधिक कृश, खिन्न, दुर्बल दिखाई देता है। जिस प्रकार मोटापा, मेद वृद्धि के कारण होता है। उसी प्रकार कमजोरी व दुर्बलता या पतलापन इसी मेद के अभाव का सूचक है। अतः स्पष्ट है कि चर्बी(मेद) का अधिक या अत्यंत कम होना आलोचना एवं मजाक उड़ाने का आधार बन जाता है।
यहां दुर्बलता के निवारण के लिए कुछ योग दिये जा रहें, जिनका अनुसरण करके दुर्बलता दूर होगी और वजन बढ़ने में सफलता मिलेगी :-
– सर्वप्रथम रोगी के स्वास्थ्य का अध्ययन परीक्षण एवं निरीक्षण करें। यदि पाचन संबंधी कोई विकार हो या यकृत की कार्यक्षमता संतोषजनक नहीं हो तो यकृतपोषक औषधियां दें।
– यदि शरीर में रक्ताभाव, पोषक तत्व(विटामिन्स) का अभाव हो या कैल्सियम शरीर में पर्याप्त नहीं हो, तो आवश्यक तत्वों की शरीर में आपूर्ति करें।
– उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार निम्न योगों को दें।
वजन बढ़ाने की चिकित्सा-
1. सफेद मूसली, विधारा और असगंध नागौरी का समभाग चूर्ण मिलाकर घृत 5 ग्राम और चीनी में मिलाकर चाटकर ऊपर से मिश्री मिला दूध 250 मि.ली. पीने से मात्र 1 मास में लाभ होता है। 3 मास में कायाकल्प(आमूल परिवर्तन) हो जाता है।
2. अस्थिसंहार(हड़जोरा) का चूर्ण 3-5 ग्राम की फंकी लेने से बल में वृद्धि होती है।
3. चीनी मिट्टी के बर्तन में बढ़िया पके हुए आमों का रस 150-200 ग्राम डालकर उसमें शुद्ध शहद 50 ग्राम मिलाकर नित्य सुबह और शाम सेवन करने से आशातीत लाभ होता है। सुबह-शाम के इस प्रकार के योग के बीच 2-3 बार जी भरकर गाय या बकरी का दूध पीना चाहिए। पानी जहां तक संभव हो कम से कम पीना चाहिए। जो भी थोड़ा पानी पियें, उसमें अदरक का रस मिला लें।
4. पीपल का चूर्ण और शहद के साथ लौह भस्म रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से शरीर की पुष्टि होती है।
5. सांठी की जड़ गाय के दूध में पीसकर उसमें लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बल वृद्धि होती है।
6. त्रिफला और शहद के साथ लौह भस्म सेवन करने से शरीर निरोग रहता है। इसे नित्य सुबह-शाम लें।
7. छोटी हरड़ और मिश्री के साथ लौह भस्म का सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।
8. कोकम वृक्ष जो मालाबार में होता है, इसके ताजे फल शरीर की निर्बलता को दूर करने में काॅड लीवर आॅयल की भांति उपयोगी है।
9.चरक के मतानुसार खरेंटी की जड़ की छाल, दूध और घी के साथ सेवन करने से अत्यंत बल की वृद्धि होती है। बुढ़ापे की कमजोरी में विशेषकर लाभदायक है।
10. खरनूब वृक्ष की फली अमलतास की फली जैसी बलिश्त लंबी होती है। इसकी बागी जाति औषधि में प्रयोग की जाती है। इसके प्रयोग से शरीर मोटा होता है।
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11. गाजर का हलुवा नित्य सुबह-शाम खाने से शरीर मोटा हो जाता है। शरीर की कमजोरी भी दूर हो जाती है और पुरूषत्व शक्ति की वृद्धि होती है।
12. गूलर की जड़ में छेद करने से इससे एक प्रकार का मद निकलता है। इस मद को लगातार कुछ समय तक लेने से बल की वृद्धि होती है।
13. चिन्नी झाड़ीनुमा वृक्ष होता है। एन्सली के मतानुसार इसके पत्ते धातु परिवर्तक, जठराग्निवर्धक और दुर्बलतानाशक होते हैं।
14. कली चूना 125 मि.ग्रा. नित्य सुबह-शाम 6 ग्राम शहद में मिलाकर चाटकर ऊपर से केशर और शक्कर मिला दूध पी लें। इससे भूख लगती है और शरीर की दुर्बलता दूर होती है।
15. जरुल वृक्ष के बीज, पत्ते और छाल नींद में लाभप्रद है। इसके फल मुुंह के छालों पर लगाये जाते हैं। यह पित्तनाशक, क्षुधावर्धक(भूख बढ़ाने वाला) और शरीर को मोटा करता है।
16. लाल टमाटरों का रस पीने से दुर्बलता और कमजोरी दूर होती हैै। इससे थकावट दूर होती है और भूख की वृद्धि होती है।
17. तवाखीर, हल्दी की जाति की झाड़ से निकलती है। यह शांतिदायक और पौष्टिक पथ्य है, जिसे किसी भी रोग के बाद की कमजोरी में देने से लाभ होता है।
18. तालमखाना उत्तम चर्बीवर्धक(शरीर को मोटा करने वाला) एवं पूर्ण पौष्टिक है। इसके बीजों के चूर्ण की मात्रा 4 से 8 ग्राम है।
19. प्रियंगू झाड़ीनुमा वृक्ष होता है। इसके पत्तों को पानी में भिगोकर मल व छानकर मिश्री मिलाकर नित्य सुबह-शाम लेने से शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है।
20. पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण दूध के साथ नित्य लेने से शरीर पुष्ट होता है।
21. पुष्करमूल(पोकरमूल) का चूर्ण शहद के साथ चाटने से निर्बलता में लाभ होता है और शक्ति की वृद्धि होती है।
22. मीठे बादाम शरीर के लिए पौष्टिक हैं। इनके नित्य सेवन से शारीरिक शक्ति और कामशक्ति की वृद्धि होती है।
23. जायफल के साथ बंग भस्म लेने से शरीर पुष्ट होता है।
24. बाराहीकन्द मिश्री मिले दूध के साथ नित्य सुबह-शाम सेवन करने से शरीर मोटा होता है, शक्ति की वृद्धि होती है, भूख बढ़ती है और चेहरे का रंग खिल जाता है।
25. बूर्जिदान(यूनानी नाम) यह जड़ के रूप में आती है। इसका चूर्ण 6 से 10 ग्राम तक लें। यह शारीरिक और कामशक्तिवर्धक है। इसके नियमित सेवन से शरीर मोटा हो जाता है।
26. नित्य सेब खाने से शरीर में विटामिन-बी की आपूर्ति होती है, जिससे शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
27. स्वर्ण भस्म दूध के साथ नित्य लेने से शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है।
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