कुछ ही दिनों में बढ़ायें 5 से 10 किलो वजन!
दुबलापन क्या है?
हर व्यक्ति की लंबाई के अनुसार ही उसके वजन का मापदंड निश्चित होता है। यदि व्यक्ति के वजन का मापदंड उसकी लंबाई के अनुरूप नहीं है या बहुत कम है, तो वह व्यक्ति दुबलेपन का शिकार कहा जायेगा।
दुबलापन एक अभिशाप!
जिस प्रकार अत्याधिक मोटापा सेहत के लिए या फिर व्यक्ति के व्यक्तित्व के लिए अच्छा नहीं होता है, ठीक उसी प्रकार अत्यधिक दुबलापन भी सही नहीं है। दुबले-पतले लोग चाहे कितने ही मंहगे और अच्छे से अच्छे कपड़े क्यों न पहन लें, मगर सूखे शरीर के कारण वह बिल्कुल भी सुंदर या आकर्षक नहीं लगते। बल्कि लोगों के बीच हंसी का पात्र बनकर रह जाते हैं। यहां तक कि लोगों से उन्हें कई प्रकार के कमेन्ट्स(ताना) सुनने पड़ते हैं जैसे- पतला पापड़, पतली रस्सी, देखो तो हेंगर पर कपड़े लटक रहे हैं..आदि-आदि।
दुबले-पतले लोग, लोगों के बीच, शादी-विवाह जैसे कई भीड़-भाड़ भरे माहौल में जाने से कतराने लगते हैं। मान लो अगर चले भी जायें, तो लोगों से नजरें चुराने लगते हैं। सही से तालमेल नहीं बैठा पाते।
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दुर्बलता का मुख्य कारण-
यद्यपि दुर्बल होने के कई कारण हैं, जिनमें मुख्य कारण निम्न हैं-
आहर(भोजन) एवं पेय में पोषक तत्वों का विशेष अभाव, भोजन की कमी, निश्चित समय पर भोजन न करना, मल-मूत्रादि के वेगों को रोकना, मानसिक तनाव, अरूचिकर भोजन खाना, किसी कारण से भयभीत रहना, असंयमित संभोग(वीर्य का क्षरण), अर्थाभाव(आर्थिक चिंता), पाचन संस्थान की गड़बड़ी(उदर विकार, अतिसार आदि) होना, किसी भी कारण से बार-बार उल्टियां आना, औषकृमि लगातार अस्वस्थ रहना, जीर्ण रोग का(यक्ष्मा आदि का) शिकार होना आदि।
यदि कोई व्यक्ति भली-भांति स्वस्थ होने पर भी दुबला हो और शारीरिक विकास नहीं हो रहा है, तो संभव है कि उसकी थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता संतोषजनक नहीं हैं।
दुर्बलता दूर करने व वजन बढ़ाने के अद्भुत योग-
1. बबूल की पत्तियों के चूर्ण में बाकुची चूर्ण समभाग अच्छी प्रकार मिला लें। 5-6 ग्राम सुबह-शाम मिश्री मिले दूध या चोबचीनी के क्वाथ के साथ लेने से 1 मास में आशातीत लाभ होता है। इससे शरीर मोटा होने के साथ-साथ, शरीर कांपने शुक्र(वीर्य विकार) और यक्ष्मा(टी.बी.) में भी लाभकारी है।
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2. मूसली सफेद, सत गिलोय, गोखरू, कौंच के बीज, सेगर की मूसली, आंवला और शर्करा समभाग मिलाकर वस्त्रपूत चूर्ण(कपड़छान चूर्ण) बना लें। रात को प्रतिदिन 5-10 ग्राम मिश्री एवं घृत मिले गोदुग्ध के साथ सेवन करने से शरीर मोटा हो जाता है और कामशक्ति में वृद्धि होता है।
Kuch Hi Dino Me Badhaye 5 Se 10 Kilo Vajan
3. शतावरी, गोखरू, कौंच के बीज, गंगरेन की छाल, कंघी और तालमखाने का कपड़छान चूर्ण रात्रि को सोने के समय 6 ग्राम गोदुग्ध के साथ दें। इससे शरीर हृष्ट-पुष्ट एवं स्वस्थ हो जाता है। सभी प्रकार के वीर्य विकार दूर होकर नपुंसक भी पूर्ण पुरूष बन जाता है।
4. सूखी ब्राह्मी, खरबूजे के मग्ज़, उड़द की सूखी दाल, पिस्ता और बादाम की गिरी प्रत्येक 250 ग्राम रात को भिगो दें। प्रातः पानी अलग करके सिल पर पीसकर पीठी बनाकर 1 किलो गाय के घी में भूनकर खांड 2 किलो मिलाकर रख लें। 10 से 15 ग्राम प्रातः सायं भैंस के गर्म दूध के साथ दें। कुछ ही दिनों के नियमित प्रयोग से दुबला-पतला व्यक्ति मोटा ताजा हो जाता है। भैंस का दूध 250 मि.ली. कम से कम लें।
5. खसखस एवं शक्कर समभाग मिलाकर चूर्ण बनाकर 20 ग्राम मक्खन मिलाकर खायें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से खिन्न शरीर भी मोटा हो जाता है।
6. काली मिर्च 35 ग्राम, सोंठ 35 ग्राम, छिले हुए काले तिल 170 ग्राम, अखरोट की गिरी 175 ग्राम पीसकर कपड़छान कर लें। 2 किलो चीनी की चाश्नी बनाकर उपरोक्त वस्तुएं डालकर नीचे उतार लें। जब चाश्नी ठंडी हो जाये तो उसमें शहद 250 ग्राम मिला लें। 5 ग्राम प्रतिदिन भैंस का दूध 250 मि.ली. के साथ लेने से आशातीत लाभ होता है। शरीर मोटा हो जाता है।
7. कतीरा, निशास्ता, मीठी बादामों की गिरी तथा चीनी(खांड) समभाग मिला लें। 10-10 ग्राम प्रातः सायं नित्य 250 मि.ली. गुनगुने दूध के साथ लेने से शरीर मोटा हो जाता है।
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8. दिन में 10 गिलास पानी(2.5 ली.) नित्य पीने से शरीर शीघ्र मोटा हो जाता है। साथ में सुनिर्वाचित योग भी लिया जा सकता है।
9. बादाम की गिरी 11 नग और किशमिश 20 ग्राम रात को पानी में भिगो दें। प्रातः अच्छी प्रकार चबाकर खाकर दूध 400 मि.ली. पी लें। यह शरीर को मोटा-ताजा बनाता है।
10. जो मोटा होने के अत्यधिक इच्छुक हों, यह दोपहर के खाने से पहले जैतून का तेल एक चाय चम्मच 5 मि.ली. नित्य पी लें। यदि पीना अच्छा नहीं लगे तो एक कप दूध में मिलाकर पी लें। इसी प्रकार मछली का तेल भी लाभदायक है।
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