शहद से वज़न कैसे बढ़ायें
दुबलेपन में शहद का प्रयोग-
1. शीतकाल में बच्चे से लेकर वृद्ध तक को शहद का प्रयोग करके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। सोते समय ठंडे दूध में 1-2 चम्मच शहद घोलकर पीने से शरीर बलवान और पुष्ट हो जाता है तथा रक्त शुद्ध हो जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। दुबलापन दूर हो जाता है।
2. यदि दूध में खांड के बदले शहद 2 चम्मच और शीरा एक चम्मच डालकर अच्छी प्रकार मिलाकर गर्म-गर्म घूंट-घूंट प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। दुबले-पतले, कमजोर रोगी, वृद्ध एवं स्तनपान कराने वाली स्त्रियां यदि इसका नियमित सेवन करें तो कायाकल्प हो जाता है और वजन तथा शक्ति बढ़ जाती है। इस योग के 1 कप दूध में प्रोटीन 14 ग्राम और कैलोरीज शक्ति(ताप) 325 होती है।
आप यह हिंदी लेख weightgain.co.in पर पढ़ रहे हैं..
3. स्विटजरलैंड में बच्चों को शहद खिलाया जाता है। तीन विभिन्न श्रेणियों के बच्चों को जिनका स्वास्थ्य बहुत खराब था, प्रयोग के लिए चयनित किया गया। प्रथम श्रेणी के बच्चों को नित्य साधारण भोजन दिया गया। दूसरी श्रेणी के बच्चों को प्रतिदिन भोजन के साथ शक्तिवर्धक औषधियां दी जाती रहीं। तीसरी श्रेणी के बच्चों को भोजन के साथ शहद भी खिलाया गया। कुछ समय पश्चात् तीनों श्रेणियों के बच्चों के स्वास्थ्य का निरीक्षण एवं परीक्षण किया गया। परिणाम यह निकला कि तृतीय श्रेणी के बच्चे, जिन्हें भोजन के साथ शहद दिया गया था, उन बच्चों के ब्लड काउण्डट, वज़न, चुस्ती, उत्साह और चेहरे की चमक अन्य दोनों श्रेणियों के बच्चों से अधिक थीं।
Shahad Se Vajan Kaise Badhaye
4. बच्चों को शक्तिशाली बनाने के लिए बच्चे को एक बड़ा चम्मच शहद प्रतिदिन दिया गया तो उनके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 8.5 प्रतिशत बढ़ गई। बच्चों का ब्लड काउण्ट, वज़न व उनकी चुस्ती बढ़ गई। बच्चों के चेहरे पर कांति उत्पन्न हो गई।
5. यदि किसी युवक या युवती को अपने शरीर और चेहरे की खिन्नता पर तरस आये और ग्लानि का अनुभव हो, पिचके गाल, मुर्झाया चेहरा, अस्थिपंजर शरीर उपहास का कारण हो तो उन्हें शहद 25 ग्राम में एक गिलास धारोष्ण गोदुग्ध मिलाकर स्ट्रा(पतली नली) से कोका कोला की भांति नित्य सुबह-शाम पीना चाहिए।
ऐसे रोगियों को इस योग के साथ-साथ कुछ अन्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए। जैसे- शरीर को आराम करते समय ढीला छोड़ देना, रात्रि में अधिक देर तक नहीं जागना चाहिए, पौष्टिक लेकिन सुपाच्य भोजन करना, सुबह-शाम खुली वायु में घूमना आदि। इस क्रम को कम से कम 2 माह तक करें।
यह भी पढ़ें- मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज
6. धारोष्ण दूध में शहद दो चम्मच और शीरा एक चाय चम्मच मिलाकर अच्छी प्रकार हिलाकर सुबह-शाम पीने से चुस्ती, शक्ति एवं वज़न बढ़ने लगता है। दूध वयस्कों को कम से कम 250 मि.ली. देना चाहिए।
7. यदि धारोष्ण दूध उपलब्ध नहीं हो तो उबाले हुए दूध में शहद और शीरा का योग देकर सुबह-शाम पीने से शरीर मोटा और शक्तिशाली हो जाता है।
8. जो अति दुर्बल एवं कृशकाय हो उन्हें चाहिए कि वह नित्य 1-2 अण्डे की जर्दी में 1-2 बड़े चम्मच शहद मिलाकर अच्छी प्रकार फेंट कर प्रयोग करें।
प्रारम्भ में एक अण्डे से शुरूआत करें। एक-दो सप्ताह के बाद क्रमशः अण्डे की मात्रा बढ़ायें। जब अण्डे की जर्दी और शहद अच्छी प्रकार मिल जाये तो उसमें चोबचीनी एक ग्राम बारीक पीसकर अच्छी प्रकार मिलाकर सुबह के समय खाली पेट खाकर ऊपर से दूध 250 से 500 मि.ली. तक पी लें। यह योग बहुत ही प्रभावी है। यदि युवक-युवती, वृद्ध-वृद्धा सेवन करें तो चेहरे पर निश्चित रूप से लाली आ जाती है। वज़न बढ़ जाता है। शरीर देखने से हृष्ट-पुष्ट एवं आकर्षण का केन्द्र बन जाता है।