वजन बढ़ाने के लिए करें ये अचूक देसी उपाय
दुर्बलता भगायें, वजन बढ़ायें-
आज दुनियां भर में जहां कई लोग अपने मोटापे को लेकर दुखी व परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपने दुबलेपन से हताश और निराश हैं। अत्याधिक मोटापा और दुबलापन दोनों ही सेहत के रूप में स्वाथ्यजनक नहीं है। दुर्बल व्यक्ति चाहे कितने भी मंहगे और स्टाईलयुक्त कपड़े क्यों न पहन ले, लेकिन उसकी पर्सनेलिटी निखर के नहीं आ पाती। वह लोगों के बीच कवेल हंसी का पात्र बनकर रह जाता है, जिस कारण दुबले व्यक्ति के मन में हीनभावना घर कर जाती है और साथ ही आत्मविश्वास की कमी भी होने लगती है।
वजन बढ़ाने के लिए जरूरी है दुर्बलता का कारण पता होना। अगर कारण पता होगा, तो उन कारणों को दूर करके दुबलापन स्वयं ही दूर हो जायेगा। इसलिए यहां जानते हैं दुबलापन दूर करने के शुद्ध देसी उपायो के बारे में..
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दुर्बलतानाशक देसी योग-
1. मेथी के बीजों का चूर्ण 5 से 10 ग्राम गुड़ के साथ सुबह-शाम खाने से हर प्रकार की दुर्बलता दूर हो जाती है। यह काॅड लिवर की भांति कमजोर व्यक्ति को हृष्ट-पुष्ट बनाती है।
2. लाल चित्रक(लाल चीता) डेढ़ से दो ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से दुबला व्यक्ति भी मोटा हो जाता है।
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3. पोस्त दाना पीसकर शहद या शर्करा के शर्बत के साथ नित्य सेवन करने से दुबलापन दूर हो जाती है।
4. जंगली उश्बा का चूर्ण 10 से 20 ग्राम का क्लाथ बनाकर नित्य 1 मात्रा दें। शारीरिक और मानसिक दुर्बलता दूर जाता है।
5. लता कस्तूरी 2.5 औंस मद्यसार(एल्कोहल) 20 औंस में टिंक्चर बना लें। 1 से 2 ड्राॅम सुबह-शाम लेने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।
6. गुग्गल 1 चैथाई से 1 ग्राम शहद या घृत के साथ नित्य सुबह-शाम लेने से स्नायुविक कमजोरी दूर हो जाती है।
7. गुरूच(गिलोय) का कल्क 100 ग्राम, अनन्त मूल चूर्ण 100 ग्राम को उबलते पानी 1 लीटर में मिलाकर किसी बंद बर्तन में रख दें। दो घंटे बाद मल लें व छान लें। 50 मि.ली. नित्य 2-3 बार ज्वरोपरांत देने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।
8. गुलशकरी(जोबन मेथी) की जड़ मात्रा 6 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ नित्य सुबह-शाम दें।
9. बिदारीकन्द का चूर्ण 3-6 ग्राम सुबह-शाम मिश्री मिले गोदुग्ध के साथ लेने से बल और मांसल(मांसपेशियों) की वृद्धि होती है।
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10. काली मूसली का चूर्ण 3-6 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ लेने से शारीरिक व मानसिक वृद्धि होती है।
11. सफेद मूसली का चूर्ण 10 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से हर प्रकार की कमजोरी दूर हो जाती है।
12. पूरे शरीर पर शतावरी से सिद्ध तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में शरीर का विकास हो जाता है।
13. विधारा का मूल चूर्ण 1.5 से 3 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ नित्य दो बार लेने से शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।
14. मुण्डी(गोरख मुण्डी) जिसे मुरली भी कहते हैं, पंचाग का स्वरस 10 से 20 मि.ली. सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।
15. बायविडंग का योग देकर अनन्तमूल का फांट 20 से 30 मि.ली. सुबह-शाम बच्चों को देने से आशातीत लाभ होता है।
16. ममीरा 250 से 500 मि.ग्रा. सुबह-शाम बच्चों को देने से आशातीत लाभ होता है।
17. गुलकन्द 10-20 ग्राम सुबह-शाम लेने से शरीर का विकास होता है।
18. मखाने की खीर नियमित खाने से सर्वागिंक शारीरिक विकास होता है।
19. काली मिर्च 2-3 दानें अपामार्ग की जड़ के साथ पीसकर नित्य लें। सूखा बच्चा भी हृष्ट-पुष्ट हो जायेगा।
20. 2-3 छुआरे नित्य आधा लीटर दूध में उबालें। दूध शेष आधा रहने पर उतार कर छुआरे की गुठली निकाल कर खाकर ऊपर से दूध पीयें। रोजाना रात को पीने से दुबलापन का नाश होता है।
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